
Akash Bothra
Participant
Jun 13, 2021 12:11 PMWhen the soul attains samyaktva and follows the right conduct, it destroys all these karmas and attains the eternal bliss of liberation. ? what exactly is samayaktva guru dev ?
When the soul attains samyaktva and follows the right conduct, it destroys all these karmas and attains the eternal bliss of liberation. ? what exactly is samayaktva guru dev ?
सम्यग्दर्शन के विभिन्न लक्षणों में प्रमुख लक्षण है- 'तत्त्वार्थ श्रद्धानं सम्यग्दर्शनम्।' याने की सर्वज्ञ वितराग परमात्मा द्वारा बताये गए जीव, अजीव आदि सात तत्त्वों में अपने अपने स्वरूप के अनुसार श्रद्धान करना सम्यग्दर्शन है। यहाँ तत्त्वरूप से श्रद्धान करने का अभिप्राय यह है कि उन तत्वों का भावरूप से निश्चय करना। यहाँ पर यह बात पर ध्यान दे की सम्यग्दर्शन प्राप्त होने मात्र से जीव का मोक्ष नहीं हो जाता | सम्यग्दर्शन तो जीव की आध्यात्मिक विकासयात्रा की एक प्रारंभिक अवस्था है, उस अवस्था को प्राप्त करने के बाद जीव विरति आदि भावो में पुरुषार्थ कर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है | अर्हत्पुरूषों ने संसार का मूल कारण मिथ्यात्व और मोक्ष का मूल कारण सम्यग्दर्शन को स्वीकार किया है। सम्यग्दर्शन की महिमा अचिन्त्य है और उसका फल भी अनुपम, महान् और परमोत्कृष्ट है। सम्यग्दर्शन का साक्षात् फल तो तत्समय में ही प्रादुर्भूत अपूर्व सुख शान्ति का आस्वाद है और परम्परा फल सिद्धत्व-पद की महान् उपलब्धि है।
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